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हिमाचल प्रदेश का भौगोलिक

 हिमाचल प्रदेश 


Himachal Pradesh eases lockdown norms for visiting tourists - Outlook  Traveller

हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ होता है, बर्फ से ढका हुआ क्षेत्र। हिमाचल प्रदेश भारत के उत्तर पश्चिम में स्थित एक छोटा सा राज्य है। यह सामान्यत: काफी ठण्डी जलवायु वाला क्षेत्र है।

 हिमाचल प्रदेश पूर्णतया पर्वतीय प्रदेश है. प्रदेश उत्तरी पश्चिमी कोने में हिमाचल पर्वत की श्रृंखलाओं के बीच स्थित है. 450 से 6500 मीटर की बीच मिलती है. मध्य प्रदेश पर्वत श्रृंखलाओं, समूह है. यहां आकाश को छोड़ने वाली बर्फ से ढकी ऊंची चोटियों के साथ-साथ चंबा, स्पीति, लाहौल, कुल्लू, किन्नौर तथा कांगड़ा घाटियां चारों और गहरे निम्न प्रदेशों के रूप में वितरित है. 

यह प्रदेश जम्मू तथा कश्मीर के दक्षिण में स्थित है. इसके दक्षिण की ओर उत्तर प्रदेश विद्यमान है. हम कह सकते हैं कि पूर्व में चीन तथा तिब्बत देश हैं.

 पश्चिम में पंजाब तथा हरियाणा और उत्तर में जम्मू कश्मीर तथा दक्षिण में उत्तर प्रदेश हैं.नदियों ने पर्वतों को काटकर गहरी घाटियों का निर्माण किया है पर्वतों की ऊंचाई पश्चिम से पूर्व की ओर प्रधान दक्षिण से उत्तर की और बढ़ती जाती है.

हिमाचल का कुल क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर है। समुद्र तल से हिमाचल की ऊंचाई 350 मीटर से 7026 मीटर है।  

हिमाचल प्रदेश का भौगोलिक-:

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भौगोलिक आधार पर हिमाचल प्रदेश को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है : 

1. निम्न हिमालय 

निम्न हिमालय में हिमाचल का कम ऊंचाई वाला क्षेत्र आता है, इसमें मैदानी क्षेत्रों के साथ लगने वाले स्थान आते हैं। इसे शिवालिक भी कहा जाता है, इस क्षेत्र की ऊंचाई 350 मीटर से 1500 मीटर के बीच है।

2. मध्य हिमालय 

मध्य हिमालय में हिमाचल प्रदेश के अधिकतर पर्यटन स्थल आते हैं, इसमें मंडी, कुल्लू, चंबा, शिमला इत्यादि प्रसिद्ध स्थान आते हैं। इस क्षेत्र की समुद्रतल से ऊंचाई 1500 मीटर से 4500 मीटर के बीच है।

3. उच्च हिमालय 

इस क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के सबसे अधिक ऊंचाई वाले स्थान आते हैं, जहाँ पर वर्ष भर मौसम शुष्क रहता है। इस क्षेत्र में चंबा के कुछ एक ऊँचे स्थान, लाहौल-स्पीती और किन्नौर के अधिकतर स्थान आते हैं। इस क्षेत्र की समुद्रतल से ऊंचाई 4500 मीटर से 7000 मीटर के बीच है। 

हिमाचल प्रदेश की नदियाँ 

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हिमाचल प्रदेश में छोटी-बड़ी अनेकों नदियाँ है, हिमाचल प्रदेश की 5 प्रमुख नदियाँ है  ये नदियाँ पर्वतीय क्षेत्रों में मौजूद ग्लेशियरों से निकलती हैं। 

1. सतलुज नदी -:
रावी नदी का प्राचीन नाम शुतुद्रि और शतद्रु’ है।सतलुज हिमाचल प्रदेश की प्रमुख नदियों में से एक है, यह तिब्बत में मानसरोवर झील से निकलती है। भारत में सतलुज किन्नौर में शिपकी नामक स्थान से प्रवेश करती है। हिमाचल में सतलुज मुख्यत: किन्नौर, बिलासपुर और शिमला में बहती है, तत्पश्चात सतलुज पंजाब में प्रवेश करती है। हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी की कुल लम्बाई 320 किलोमीटर है।

सतलुज की सहायक नदियाँ

अली, गंभरोला, सीर खड्ड, स्वां, रोपा, काशंग, स्पीती, भाबा, बासपा , इमला खड्ड, विमला खड्ड।

सतलुज के किनारे बसे हुए शहर

रामपुर तथा बिलासपुर।

 

2. व्यास नदी -:ब्यास नदी का पुराना नाम ‘अर्जिकिया’ या ‘विपाशा’ था। यह कुल्लू में व्यास कुंड से निकलती है। व्यास कुंड पीर पंजाल पर्वत शृंखला में स्थित रोहतांग दर्रे में है। यह कुल्लू से होती होती हुई मंडी जिले में प्रवेश करती है, उसके बाद काँगड़ा में प्रवेश करती है। उसके बाद पंजाब में प्रवेश करती है। हिमाचल का मंडी नगर व्यास के किनारे पर स्थित है। हिमाचल प्रदेश में व्यास नदी की कुल लम्बाई 256 किलोमीटर है।  इस नदी का नाम महर्षि ब्यास के नाम पर रखा गया है। यह प्रदेश की जीवनदायिनी नदियों में से एक है।

व्यास की सहायक नदियाँ

पार्वती, मलाना नाला, फोजल, सरवरी, उहल, लूणी, हंसा तीर्थान, बाखली, ज्यूणी, सुकेती, सोन, कुणाह, मान, बिनवा, न्योगल, बनेर, गज, चक्की।

व्यास के किनारे बसे हुए शहर

कुल्लू, मनाली, मंडी, पंडोह, सुजानपुर, नादौन, देहरा-गोपीपुर।

 

 

3. चिनाब  नदी-: चिनाब हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीती जिले से निकलती है। दरअसल, चिनाब चंद्रा और भागा नामक दो नदियों के मिलने से बनती है। चंद्रा और भागा नदियाँ तांदी नामक स्थान पर मिलकर चिनाब का निर्माण करती हैं। लाहौल-स्पीती से निकलने के बाद चिनाब चंबा से होते हुए जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करती है। हिमाचल प्रदेश में चिनाब नदी की कुल लम्बाई 122 किलोमीटर है। 

चिनाब की सहायक नदियाँ

चंद्रा तथा भागा।

 

4. रावी-: रावी नदी का प्राचीन नाम ‘इरावती और परोष्णी’ है। रावी नदी मध्य हिमालय की धौलाधार शृंखला की शाखा बड़ा भंगाल से निकलती है। रावी नदी ‘भादल’ और ‘तांतागिरि’ दो खड्डों से मिलकर बनती है। ये खड्डें बर्फ पिघलने से बनती है। यह नदी चंबा से खेड़ी के पास पंजाब (भारत) में प्रवेश करती है रावी नदी हिमाचल की धौलाधार पर्वत श्रृंखला (काँगड़ा जिले की मुल्थन तहसील) में "बड़ा भंगाल" से निकलती है। चंबा नगर रावी के किनारे पर स्थित है। हिमाचल प्रदेश में रावी नदी की कुल लम्बी 158 किलोमीटर है। सिकंदर महान के साथ आए यूनानी इतिहासकार ने इसे ‘हाइड्रास्टर और रहोआदिस’ का नाम दिया था।

रावी की सहायक नदियाँ

चिरचिंद, साल, स्युल, छतराड़ी, भादल ,तृण, दैहण, बलजैडी, और बैरा हैं।

रावी के किनारे बसे हुए शहर

चंबा। 

5. यमुना-:यमुना नदी का वैदिक नाम ' कालिंदी ' है। यमुना उत्तराखंड में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है। हिमाचल में पोंटा साहिब और ताजेवाल से होकर हरियाणा में प्रवेश करती है। हिमाचल प्रदेश में चिनाब नदी की कुल लम्बाई 56 किलोमीटर है।

यमुना की सहायक नदियाँ

पब्बर, टोंस, बाटा, गिरी ।

रावी के किनारे बसे हुए शहर

पौंटा साहिब।

 

 

 

 


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